इंडिया गठबंधन की ढ़ीली होती गांठ

इंडिया गठबंधन की ढ़ीली होती गांठ

लहरनुमा स्थिति में इंडि गठबंधन का मामला कभी सुलझती तो कभी उलझती नजर आती है। कभी लगता है “इंडिया” अलायन्स को अपना पीएम कैंडिडेट मिल गया, तो कभी लगता है कि, अभी तो सीटों के बंटवारे को लेकर ही सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है। इतने सारे दल, इतने अलग-अलग लोग, वैचारिक भिन्नता, इन सबको लेकर साथ बढ़ाना असंभव सा लगता है। 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकजूटता कोई पहली बार देखने को नहीं मिल रही है। इसके पहले भी 2019 लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष ने महागठबंधन बनाया था। हालांकि महागठबंधन एक सफल गठबंधन नहीं बन पाया था।

अभी-अभी हमने राजनीतिक गलियारे से, जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के रूठने की बात सुनी। वहीं अब कोई नेता अपने तल्ख तेवरों के लिए जाना जा रहा है तो कोई दूसरे को नीचा दिखाने के लिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है की, “हो सकता है कि “इंडिया” अलायन्स पूरे देश में अच्छा प्रदर्शन करे, परंतु बंगाल में केवल तृणमूल कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो भाजपा को हरा सकती है। इसलिए, बंगाल में केवल टीएमसी को ही सीट मिलनी चाहिए, कोई दूसरी पार्टी को नहीं।

इधर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 सीटों की मांग की है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की इस मांग से कांग्रेस असहमत है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इस पर कहा है कि, 23 सीटें बहुत ज्यादा हैं और शिवसेना एक टूटी हुई पार्टी है। इस पर भड़के शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा है कि, “शिवसेना महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस को यहां जीरो से शुरुआत करनी पड़ेगी।”

यदि हम यूपी की बात करें तो वहां पर भी सामंजस्य नहीं बैठ रहा है। सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर के मतभेद देखने को मिल रहा है। आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। सपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए धोखा देने का आरोप लगाया है। वही बसपा के गठबंधन में शामिल होने की चर्चा भी हो रही है। इस चर्चा से समाजवादी पार्टी खफा नजर आ रही है।

मजबूत भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ ऐसे बिखर कर, या एक दूसरे पर टीका टिप्पणी कर “इंडिया” अलायन्स की पार्टियां कैसे सफल हो पाएंगी? यदि इन्हें सच में राजग को हराना है तो, कहीं-कहीं अपने थोड़े बहुत लाभ को भूलकर गठबंधन को मजबूत बनाना होगा। तभी “इंडिया” अलायन्स एनडीए को टक्कर दे पाएगी। विपक्ष को पिछली बातों से सीख लेनी चाहिए।